भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 26
(किसी व्यक्ति के फायदे के लिए से सम्मति से सदभावपूर्वक किया गया कार्य जिससे मृत्यु कारित करने का आशय नही है)
कोई बात, जो मृत्यु कारित करने के आशय से न कि गई हो किसी अपहानि के कारण नही हैं जो उस बात से किसी ऐसे व्यक्ति को जिसके फायदे के लिए वह बात सदभावपूर्वक की जाए और जिसने उस अपहानि को सहने या उस अपहानि की जोखिम उठाने के लिए चाहे अभिव्यक्त, या विवक्षित सम्मति दे दी हो, कारित हो या कारित करने का कर्ता का आशय हो या कारित होने की संभाव्यता कर्ता को ज्ञात है
उदाहरण - राम एक शल्य चिकित्सक है, यह जानते हुए की एक विशेष शल्य क्रिया से श्याम को जो वेदनापूर्ण व्याधि से ग्रस्त है मृत्यु कारित होने की सभाव्यता है किन्तु श्याम की मृत्यु कारित करने का आशय न रखते हुए और सदभावपूर्वक श्याम के फायदे के आशय से श्याम की सम्मति से श्याम पर शल्य क्रिया करता है राम ने कोई अपराध नही किया हैं
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(IPC) की धारा 88 को (BNS) की धारा 26 में बदल दिया गया है। |